शत शत नमन भारत भूमि को, अभिनन्दन भारत
माँ को
जिसके रज कण मात कर रहे मलयागिरी के
चन्दन को
राम कृष्ण की पावन धरती जो शक्ति संचार करे
जन जन में बलिदान भावना कूट कूट कर
नित्य भरे
अर्जुन भीम शिवाजी जैसे गुण निर्माण
कराने को
शत शत नमन...
इस धरती पर जन्म लिया है यह सौभाग्य हमारा है
इस पर ही हो जीवन अर्पण यह उद्देश्य
हमारा है
बार बार यह जीवन पायें इस पर ही बलि
जाने को
शत शत नमन.....
उत्तर में नगराज हिमालय माँ का मुकुट
स्वांरता
दक्षिण में रत्नाकर जिसके पावन चरण
पखारता
बुला रही है हर प्राणी को गीता ज्ञान
सुनाने को
शत शत नमन...........