बन्दर कुत्ते सूअर से बर्बाद पहाड़ी
कुरी(लैंटाना) के जंगलों में बदलते, साल भर में दो बार बनने उजड़ने वाली सड़कों से जुड़े, शराब की मोबाइल सेवा से पोषित, अध्यापक विहीन स्कूलों, डॉक्टर विहीन अस्पतालों को ढोते, 19 सालों से कुमाऊँ गढ़वाल, बामण - खसिया, के नाम पर 8 मुख्यमंत्रियों को ढोते, ठेकेदार-किटकनदार- चकड़ैत-माफिया गठबंधन की सरकारें ढोते उत्तराखण्ड के गाँवो से राज्य स्थापना दिवस की बधाई।
जो लड़े वो आडवानी जी की तरह कोने खड़े हैं। जो असहमत हैं वे विकास विरोधी बन गए हैं। रजुआ हल ही जोत रहा है, लौंडा उसका दिल्ली चड़ीगढ़ कहीं लग गया है। किशनसिंघ और हरदत्तज्यू के भी लौण्डे बैंक में पैसे भेज देते है। कमाऊ पूत भाभर पार हैं, ब्वारी पास की बाज़ार में नातियों को स्कूल पढ़वा रही है। कॉलेज-इंजीनियरी करके लौण्डे 'आईएएस कोचिंग सेंटर'
में समूह ग की कोचिंग ले रहे हैं।
मामला चकाचक है। देशी गए दाज्यू लोग दिल्ली मुम्बई में सेमिनारों में पहाड़ के पलायन का पटडा बांच रहे हैं। कई फेसबुकिया -वट्सपिया समूह, मोबायली पहाड़ी विकास करने वाले महान चिन्तक बने हैं । वही ढाक के तीन पात हैं हो साहब ! घर आते हैं तो पहाड़ के बदल जाने पर रोते हैं।
कहाँ कहाँ जागर लगाकर, ऊँचेंण रखकर उत्तराखण्ड मांग था, दुःखद ! 19 साल होते होते पोलियो से परेशान हो गया। बस, प्रवासी -अप्रवाशी बड़े औहदे वाले सिर्फ यहाँ उचैंड़ बनाने तक सीमित हैं । बड़े- बड़े नेता भी अपनी नजर उतारते देखे जाते हैं !
कहाँ कहाँ जागर लगाकर, ऊँचेंण रखकर उत्तराखण्ड मांग था, दुःखद ! 19 साल होते होते पोलियो से परेशान हो गया। बस, प्रवासी -अप्रवाशी बड़े औहदे वाले सिर्फ यहाँ उचैंड़ बनाने तक सीमित हैं । बड़े- बड़े नेता भी अपनी नजर उतारते देखे जाते हैं !
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