खड़ी होली का आगाज भगवान गणेश की वंदना से शुरू होता है।
इसके लिए गणपति को समर्पित होली
जिसमें सिद्धि को दाता,विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नंदन
सहित देवी देवताओं को निमंत्रण देकर की जाती है।
खड़ी होली(khadi holi) कार्यक्रम से पूर्व रंग पड़ना यानी रंग डालना
और चीर बंधन दो जरूरी परंपराए हैं. पूरा पर्व शांती एवं सौहार्द से बीते इसके लिए
हर रंग पड़ने का शुभ मुहुर्त का ध्यान रखा जाता है.
#लोहाघाट में #होल्यारों ने #खड़ी_होली पेश कर बहाई #फाल्गुनी बयार
#चीर_बंधन के साथ ही पहाड़ में खड़ी होली का रंगारंग आगाज हो गया है।
होल्यारों ने खड़ी होली की शानदार प्रस्तुति देकर #काली #कुमाऊं की
ऐतिहासिक होली गायन को जीवंत कर दिया है |
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